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कंप्यूटर की पिडियां _Generations of Computer ?

 

कम्प्युटर की पिढियाँ पूरी जानकारी हिंदी में

          GENERATIONS OF COMPUTER IN HINDI

Computer अपने जन्म से लेकर आज तक विकास कर रहा हैं. इस दौरान कम्प्युटर वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) से निकलर Artificial Intelligence तक आ पहुँचा हैं. और वह कमरे को छोडकर हाथ में आ बैठा हैं. यह उन्नति उसने पिछले 70-80 सालों में पाई हैं.

कम्प्युटर की इस विकास अवधि को Computer Generations (in Hindi) कहा जाता हैं. जैसे-जैसे कम्प्युटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव आता गया  उसी के अनुसार Computer Generations का निर्धारण कर दिया गया. अब तक कम्प्युटर की 5 पीढियाँ – 5 Generations of Computer in Hindi, निर्धारित की जा चुकी हैं.

कम्प्युटर की पिढियाँ पूरी जानकारी हिंदी में

Computer अपने जन्म से लेकर आज तक विकास कर रहा हैं. इस दौरान कम्प्युटर वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) से निकलर Artificial Intelligence तक आ पहुँचा हैं. और वह कमरे को छोडकर हाथ में आ बैठा हैं. यह उन्नति उसने पिछले 70-80 सालों में पाई हैं

कम्प्युटर की इस विकास अवधि को Computer Generations (in Hindi) कहा जाता हैं. जैसे-जैसे कम्प्युटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव आता गया. उसी के अनुसार Computer Generations का निर्धारण कर दिया गया. अब तक कम्प्युटर की 5 पीढियाँ – 5 Generations of Computer in Hindi, निर्धारित की जा चुकी हैं.
कम्प्युटर का विकास: पीढि दर पीढि
इस Lesson में हम आपको Computer Generations की पूरी जानकारी देंगे. और साथ में प्रत्येक पीढि के कम्प्युटर की विशेषताओं और कुछ कम्प्युटरों के नाम भी बतायेंग़े 
कम्प्युटर की प्रथम पीढि – First Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर कि प्रथम पीढि की शुरुआत सन 1946 से मानी गई हैं. क्योंकि इस समय दो महान लोग J.P. Eckert तथा J.W. Mauchy नें वैक्यूम ट्यूब पर आधारित पहला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया था. Vacuum Tube का आविष्कार सन 1904 में John Ambrose Fleming ने किया था. प्रथम पीढि के कम्प्युटरों में इसी वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था 
Punch Cards, Paper Tap तथा Magnetic Tap को इनपुट डिवाइस एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. प्रथम पीढि कम्प्युटरों में मशीनी भाषा (Machine Language) का इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language) के रूप में होता था. और Magnetic Drums का उपयोग Memory के लिए किया जाता था 
प्रथम पीढि कम्प्युटर की विशेषताएं
वैक्यूम ट्यूब पर आधारित
भंडारण के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल
पंच कार्डों इनपुट एवं आउटपुट के लिए प्रयोग
आकार बहुत बडा और वजनी
मशीनी भाषा का प्रयोग
AC की जरूरत
बहुत महेंगे और विश्वसनीय नहीं
लगातार रखरखाव की जरूरत
प्रथम पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
ENIAC – Electronic Numeric Integrated and Calculator
EDVAC
UNIVAC
IBM-701
IBM-650
कम्प्युटर की दूसरी पीढि – Second Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की द्वितीय पीढि की समयावधि 1956-63 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग हुआ. Transistor का आविष्कार सन 1947 में William Shockely ने किया था 
अब कम्प्युटरों में Primary एवं Secondary Memory का इस्तेमाल होने लगा. और वे Assembly एवं High-Level Programming Language को सपोर्ट करने लगे. तथा उनमे Multi-Programming Operating Systems का प्रयोग होने लगा था 
दूसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
Transistor पर आधारित
मैमोरी के लिए Magnetic Core और Tap का इस्तेमाल
FORTON, COBOL भाषाओं का इस्तेमाल
आकार अभी भी बडा और वजनी
Cooling के लिए AC की जरूरत
कार्य-विशेष के लिए उपयोग
Processing Speed में बढोतरी
प्रथम पीढि के मुकाबले कम ऊर्जा की जरूरत
दूसरी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
Honeywell 400
IBM 7094
CDC 1604
CDC 3000 Series
UNIVAC 1108
IBM 1400 Series
MARK III
कम्प्युटर की तीसरी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटरों की तीसरी पीढि की समयावधि 1964-71 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटर IC – Integrated Circuit पर आधारित थे. IC का आविष्कार एक इंजिनियर Jack Kilby ने किया था. एक अकेली IC में बहुत सारे Transistors, Resistors, Capacitors समाहित थे
IC के आविष्कार ने कम्प्युटरों का आकार बहुत छोटा कर दिया. अब इन्हे एक जगह से दूसरी जगह पर आराम से पहुँचा सकते थे. और Multi-Programming OS एवं High-Level Programming Languages के इस्तेमाल में और सुधार हुआ
तीसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
IC पर आधारित
आकार में छोटे और कम वजनी
अधिक भरोसेमंद और खर्चीले
रखरखाव में कमी
BASIC, COBOL, FORTON, PASCAL, ALGOL का इस्तेमाल
ऊर्जा की कम खपत पर AC की जरूरत
Mouse और Keyboard का इस्तेमाल
प्रोसेसिंग़ अन्य पीढियों के मुकाबले तेज
General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ
कार्यक्षमाता में बढोतरी
तीसरी पीढी के कुछ कम्प्युटरों के नाम
PDP-8
PDP-11
ICL 2900
IBM 360 Series
Honeywell 6000 Series
TDC-B16
कम्प्युटर की चौथी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की चौथी पीढि की शुरुआत 1971 से मानी गई हैं. और 1980 तक का समय चौथी पीढि के लिए माना गया हैं. इस दौरान IC को और अधिक विकसित किया गया इस समय की ICs में लगभग 5000 Transistors आ सकते थे. और इसकी कार्यक्षमाता 3,00,00 ट्राजिस्ट्रों के बराबर थी 
इन ICs को VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता था. इस तकनीक ने Microcomputer की नींव पढी क्योंकि इस समय Micro Processors इस्तेमाल होने लगे थे. यह समय कम्प्युटर क्रांति लेकर आया और कम्प्युटर आम इंसान तक पहुँचा
चौथी पीढि के कम्प्युटर Microprocessor पर चलते है. और इस समय GUI- Graphical User Interface का विकास हुआ. और Windows, Mac OS का निर्माण हुआ. इसी समय में Microsoft और Apple जैसी कंपनियों की शुरुआत हुई. और आज ये वर्तमान हैं
चौथी पीढी के कम्प्युटर की विशेषताएँ
VLSI Based Microprocessors पर आधारित
GUI Based OS का इस्तेमाल
अधिक तेज, भरोसेमंद और शुद्ध
आकार में बहुत छोटे और हल्के
इंटरनेट का इस्तेमाल
आम इंसान तक पहुँच
AC की जरूरत नही Fan का इस्तेमाल
C, C++, .net जैसी भाषाओं का इस्तेमाल
कम खर्चीले
चौथी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
IBM 4341
DEC 10
STAR 1000
PUP 11
Macintosh
PCs
कम्प्युटर की पांचवी पीढि – Fifth Generations of Computer
आप जिस डिवाइस पर इस Lesson को पढ रहे हैं. वह पांचवी पीढि का कम्प्युटर हैं. पांचवी पीढि की समयावधि 1980 से आजतक मानी गई हैं. इस कालखंड में कम्प्युटरों में ULSI – Ultra Large Scale Integrated Circuit Based Microprocessors का इस्तेमाल होने लगा. जिससे ये बहुत तेज और छोटे हो गए है. क्योंकि एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट आ सकते हैं
पांचवी पीढि के कम्प्युटरों को हम इंसानों की तरह सोचने लायक बनाया जा रहा हैं. जिसके लिए Artificial Intelligence, Internet of Things, Robotics आदि तकनीकों का लगातार विकास और प्रयोग किया जा रहा हैं 
आज के कम्प्युटर एक हाथ घडी के आकार का होता हैं और कम खर्चीला भी हैं. जिसे लगभग हर इंसान खरीद सकता हैं. आज कम्प्युटर दुनिया के हर इंसान तक किसी ने किसी रूप में पहुँच चुका हैं 
पांचवी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
ULSI Based Microprocessor पर आधारित
हल्के, सस्ते, भरोसेमंद और तेज
अधिक शुद्ध, इस्तेमाल में आसान
GUI आधारित OS का इस्तेमाल
Multimedia, Touchscreen, Web, Voice Control का प्रयोग
ना के बराबर रखरखाव
ऊर्जा का कम इस्तेमाल
C, C++, Java, .net, ASP का इस्तेमाल
कृत्रिम बुद्धि का विकास
Internet of Things का विकास
पांचवी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
Desktop PCs
Macbooks
Laptops
Notebooks
Ultrabooks
Chromebooks
iPhone
iWatch
आपने क्या सीखा?
इस Lesson में हमने आपको Computer Generations की पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि कम्प्युटर ने पहली पीढि से पांचवी पीढि तक कैसे विकास किया. हमे उम्मीद हैं कि यह Lesson आपके लिए उपयोगी साबित होगा 
#TechnogyanAtoZhistory कम्प्युटर की पिढियाँ पूरी जानकारी हिंदी में
Computer अपने जन्म से लेकर आज तक विकास कर रहा हैं. इस दौरान कम्प्युटर वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) से निकलर Artificial Intelligence तक आ पहुँचा हैं. और वह कमरे को छोडकर हाथ में आ बैठा हैं. यह उन्नति उसने पिछले 70-80 सालों में पाई हैं
कम्प्युटर की इस विकास अवधि को Computer Generations (in Hindi) कहा जाता हैं. जैसे-जैसे कम्प्युटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव आता गया. उसी के अनुसार Computer Generations का निर्धारण कर दिया गया. अब तक कम्प्युटर की 5 पीढियाँ – 5 Generations of Computer in Hindi, निर्धारित की जा चुकी हैं 

कम्प्युटर का विकास: पीढि दर पीढि
इस Lesson में हम आपको Computer Generations की पूरी जानकारी देंगे. और साथ में प्रत्येक पीढि के कम्प्युटर की विशेषताओं और कुछ कम्प्युटरों के नाम भी बतायेंग़े
कम्प्युटर की प्रथम पीढि – First Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर कि प्रथम पीढि की शुरुआत सन 1946 से मानी गई हैं. क्योंकि इस समय दो महान लोग J.P. Eckert तथा J.W. Mauchy नें वैक्यूम ट्यूब पर आधारित पहला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया था. Vacuum Tube का आविष्कार सन 1904 में John Ambrose Fleming ने किया था. प्रथम पीढि के कम्प्युटरों में इसी वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था
Punch Cards, Paper Tap तथा Magnetic Tap को इनपुट डिवाइस एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. प्रथम पीढि कम्प्युटरों में मशीनी भाषा (Machine Language) का इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language) के रूप में होता था. और Magnetic Drums का उपयोग Memory के लिए किया जाता था
प्रथम पीढि कम्प्युटर की विशेषताएं
वैक्यूम ट्यूब पर आधारित
भंडारण के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल
पंच कार्डों इनपुट एवं आउटपुट के लिए प्रयोग
आकार बहुत बडा और वजनी
मशीनी भाषा का प्रयोग
AC की जरूरत
बहुत महेंगे और विश्वसनीय नहीं
लगातार रखरखाव की जरूरत
प्रथम पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
ENIAC – Electronic Numeric Integrated and Calculator
EDVAC
UNIVAC
IBM-701
IBM-650
कम्प्युटर की दूसरी पीढि – Second Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की द्वितीय पीढि की समयावधि 1956-63 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग हुआ. Transistor का आविष्कार सन 1947 में William Shockely ने किया था
अब कम्प्युटरों में Primary एवं Secondary Memory का इस्तेमाल होने लगा. और वे Assembly एवं High-Level Programming Language को सपोर्ट करने लगे. तथा उनमे Multi-Programming Operating Systems का प्रयोग होने लगा था
दूसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
Transistor पर आधारित
मैमोरी के लिए Magnetic Core और Tap का इस्तेमाल
FORTON, COBOL भाषाओं का इस्तेमाल
आकार अभी भी बडा और वजनी
Cooling के लिए AC की जरूरत
कार्य-विशेष के लिए उपयोग
Processing Speed में बढोतरी
प्रथम पीढि के मुकाबले कम ऊर्जा की जरूरत
दूसरी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
Honeywell 400
IBM 7094
CDC 1604
CDC 3000 Series
UNIVAC 1108
IBM 1400 Series
MARK III
कम्प्युटर की तीसरी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटरों की तीसरी पीढि की समयावधि 1964-71 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटर IC – Integrated Circuit पर आधारित थे. IC का आविष्कार एक इंजिनियर Jack Kilby ने किया था. एक अकेली IC में बहुत सारे Transistors, Resistors, Capacitors समाहित थे 
IC के आविष्कार ने कम्प्युटरों का आकार बहुत छोटा कर दिया. अब इन्हे एक जगह से दूसरी जगह पर आराम से पहुँचा सकते थे. और Multi-Programming OS एवं High-Level Programming Languages के इस्तेमाल में और सुधार हुआ
तीसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
IC पर आधारित
आकार में छोटे और कम वजनी
अधिक भरोसेमंद और खर्चीले
रखरखाव में कमी
BASIC, COBOL, FORTON, PASCAL, ALGOL का इस्तेमाल
ऊर्जा की कम खपत पर AC की जरूरत
Mouse और Keyboard का इस्तेमाल
प्रोसेसिंग़ अन्य पीढियों के मुकाबले तेज
General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ
कार्यक्षमाता में बढोतरी
तीसरी पीढी के कुछ कम्प्युटरों के नाम
PDP-8
PDP-11
ICL 2900
IBM 360 Series
Honeywell 6000 Series
TDC-B16
कम्प्युटर की चौथी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की चौथी पीढि की शुरुआत 1971 से मानी गई हैं. और 1980 तक का समय चौथी पीढि के लिए माना गया हैं. इस दौरान IC को और अधिक विकसित किया गया इस समय की ICs में लगभग 5000 Transistors आ सकते थे. और इसकी कार्यक्षमाता 3,00,00 ट्राजिस्ट्रों के बराबर थी|
इन ICs को VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता था. इस तकनीक ने Microcomputer की नींव पढी क्योंकि इस समय Micro Processors इस्तेमाल होने लगे थे. यह समय कम्प्युटर क्रांति लेकर आया और कम्प्युटर आम इंसान तक पहुँचा|
चौथी पीढि के कम्प्युटर Microprocessor पर चलते है. और इस समय GUI- Graphical User Interface का विकास हुआ. और Windows, Mac OS का निर्माण हुआ. इसी समय में Microsoft और Apple जैसी कंपनियों की शुरुआत हुई. और आज ये वर्तमान हैं
चौथी पीढी के कम्प्युटर की विशेषताएँ
VLSI Based Microprocessors पर आधारित
GUI Based OS का इस्तेमाल
अधिक तेज, भरोसेमंद और शुद्ध
आकार में बहुत छोटे और हल्के
इंटरनेट का इस्तेमाल
आम इंसान तक पहुँच
AC की जरूरत नही Fan का इस्तेमाल
C, C++, .net जैसी भाषाओं का इस्तेमाल
कम खर्चीले
चौथी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
IBM 4341
DEC 10
STAR 1000
PUP 11
Macintosh
PCs
कम्प्युटर की पांचवी पीढि – Fifth Generations of Computer
आप जिस डिवाइस पर इस Lesson को पढ रहे हैं. वह पांचवी पीढि का कम्प्युटर हैं. पांचवी पीढि की समयावधि 1980 से आजतक मानी गई हैं. इस कालखंड में कम्प्युटरों में ULSI – Ultra Large Scale Integrated Circuit Based Microprocessors का इस्तेमाल होने लगा. जिससे ये बहुत तेज और छोटे हो गए है. क्योंकि एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट आ सकते हैं
पांचवी पीढि के कम्प्युटरों को हम इंसानों की तरह सोचने लायक बनाया जा रहा हैं. जिसके लिए Artificial Intelligence, Internet of Things, Robotics आदि तकनीकों का लगातार विकास और प्रयोग किया जा रहा हैं
आज के कम्प्युटर एक हाथ घडी के आकार का होता हैं और कम खर्चीला भी हैं. जिसे लगभग हर इंसान खरीद सकता हैं. आज कम्प्युटर दुनिया के हर इंसान तक किसी ने किसी रूप में पहुँच चुका हैं
पांचवी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
ULSI Based Microprocessor पर आधारित
हल्के, सस्ते, भरोसेमंद और तेज
अधिक शुद्ध, इस्तेमाल में आसान
GUI आधारित OS का इस्तेमाल
Multimedia, Touchscreen, Web, Voice Control का प्रयोग
ना के बराबर रखरखाव
ऊर्जा का कम इस्तेमाल
C, C++, Java, .net, ASP का इस्तेमाल
कृत्रिम बुद्धि का विकास
Internet of Things का विकास
पांचवी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
Desktop PCs
Macbooks
Laptops
Notebooks
Ultrabooks
Chromebooks
iPhone
iWatch
आपने क्या सीखा ?
इस Lesson में हमने आपको Computer Generations की पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि कम्प्युटर ने पहली पीढि से पांचवी पीढि तक कैसे विकास किया. हमे उम्मीद हैं कि यह Lesson आपके लिए उपयोगी साबित होग| 
कम्प्युटर का विकास: पीढि दर पीढि

इस Lesson में हम आपको Computer Generations की पूरी जानकारी देंगे. और साथ में प्रत्येक पीढि के कम्प्युटर की विशेषताओं और कुछ कम्प्युटरों के नाम भी बतायेंग़े.

कम्प्युटर की प्रथम पीढि – First Generations of Computer in Hindi

कम्प्युटर कि प्रथम पीढि की शुरुआत सन 1946 से मानी गई हैं. क्योंकि इस समय दो महान लोग J.P. Eckert तथा J.W. Mauchy नें वैक्यूम ट्यूब पर आधारित पहला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया था. Vacuum Tube का आविष्कार सन 1904 में John Ambrose Fleming ने किया था. प्रथम पीढि के कम्प्युटरों में इसी वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था.

Punch Cards, Paper Tap तथा Magnetic Tap को इनपुट डिवाइस एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. प्रथम पीढि कम्प्युटरों में मशीनी भाषा (Machine Language) का इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language) के रूप में होता था. और Magnetic Drums का उपयोग Memory के लिए किया जाता था.

प्रथम पीढि कम्प्युटर की विशेषताएं

  • वैक्यूम ट्यूब पर आधारित
  • भंडारण के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल
  • पंच कार्डों इनपुट एवं आउटपुट के लिए प्रयोग
  • आकार बहुत बडा और वजनी
  • मशीनी भाषा का प्रयोग
  • AC की जरूरत
  • बहुत महेंगे और विश्वसनीय नहीं
  • लगातार रखरखाव की जरूरत

प्रथम पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम

  1. ENIAC – Electronic Numeric Integrated and Calculator
  2. EDVAC
  3. UNIVAC
  4. IBM-701
  5. IBM-650

कम्प्युटर की दूसरी पीढि – Second Generations of Computer in Hindi

कम्प्युटर की द्वितीय पीढि की समयावधि 1956-63 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग हुआ. Transistor का आविष्कार सन 1947 में William Shockely ने किया था.

अब कम्प्युटरों में Primary एवं Secondary Memory का इस्तेमाल होने लगा. और वे Assembly एवं High-Level Programming Language को सपोर्ट करने लगे. तथा उनमे Multi-Programming Operating Systems का प्रयोग होने लगा था.

दूसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ

  • Transistor पर आधारित
  • मैमोरी के लिए Magnetic Core और Tap का इस्तेमाल
  • FORTON, COBOL भाषाओं का इस्तेमाल
  • आकार अभी भी बडा और वजनी
  • Cooling के लिए AC की जरूरत
  • कार्य-विशेष के लिए उपयोग
  • Processing Speed में बढोतरी
  • प्रथम पीढि के मुकाबले कम ऊर्जा की जरूरत

दूसरी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम

  1. Honeywell 400
  2. IBM 7094
  3. CDC 1604
  4. CDC 3000 Series
  5. UNIVAC 1108
  6. IBM 1400 Series
  7. MARK III

कम्प्युटर की तीसरी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi

कम्प्युटरों की तीसरी पीढि की समयावधि 1964-71 मानी गई हैं. इस पीढि के कम्प्युटर IC – Integrated Circuit पर आधारित थे. IC का आविष्कार एक इंजिनियर Jack Kilby ने किया था. एक अकेली IC में बहुत सारे Transistors, Resistors, Capacitors समाहित थे 

IC के आविष्कार ने कम्प्युटरों का आकार बहुत छोटा कर दिया  अब इन्हे एक जगह से दूसरी जगह पर आराम से पहुँचा सकते थे. और Multi-Programming OS एवं High-Level Programming Languages के इस्तेमाल में और सुधार हुआ.

तीसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ

  • IC पर आधारित
  • आकार में छोटे और कम वजनी
  • अधिक भरोसेमंद और खर्चीले
  • रखरखाव में कमी
  • BASIC, COBOL, FORTON, PASCAL, ALGOL का इस्तेमाल
  • ऊर्जा की कम खपत पर AC की जरूरत
  • Mouse और Keyboard का इस्तेमाल
  • प्रोसेसिंग़ अन्य पीढियों के मुकाबले तेज
  • General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ
  • कार्यक्षमाता में बढोतरी

तीसरी पीढी के कुछ कम्प्युटरों के नाम

  1. PDP-8
  2. PDP-11
  3. ICL 2900
  4. IBM 360 Series
  5. Honeywell 6000 Series
  6. TDC-B16

कम्प्युटर की चौथी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi

कम्प्युटर की चौथी पीढि की शुरुआत 1971 से मानी गई हैं. और 1980 तक का समय चौथी पीढि के लिए माना गया हैं. इस दौरान IC को और अधिक विकसित किया गया इस समय की ICs में लगभग 5000 Transistors आ सकते थे. और इसकी कार्यक्षमाता 3,00,00 ट्राजिस्ट्रों के बराबर थी.

इन ICs को VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता था. इस तकनीक ने Microcomputer की नींव पढी क्योंकि इस समय Micro Processors इस्तेमाल होने लगे थे. यह समय कम्प्युटर क्रांति लेकर आया और कम्प्युटर आम इंसान तक पहुँचा.

चौथी पीढि के कम्प्युटर Microprocessor पर चलते है. और इस समय GUI- Graphical User Interface का विकास हुआ. और Windows, Mac OS का निर्माण हुआ. इसी समय में Microsoft और Apple जैसी कंपनियों की शुरुआत हुई. और आज ये वर्तमान हैं.

चौथी पीढी के कम्प्युटर की विशेषताएँ

  • VLSI Based Microprocessors पर आधारित
  • GUI Based OS का इस्तेमाल
  • अधिक तेज, भरोसेमंद और शुद्ध
  • आकार में बहुत छोटे और हल्के
  • इंटरनेट का इस्तेमाल
  • आम इंसान तक पहुँच
  • AC की जरूरत नही Fan का इस्तेमाल
  • C, C++, .net जैसी भाषाओं का इस्तेमाल
  • कम खर्चीले

चौथी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम

  1. IBM 4341
  2. DEC 10
  3. STAR 1000
  4. PUP 11
  5. Macintosh
  6. PCs

कम्प्युटर की पांचवी पीढि – Fifth Generations of Computer

आप जिस डिवाइस पर इस Lesson को पढ रहे हैं. वह पांचवी पीढि का कम्प्युटर हैं. पांचवी पीढि की समयावधि 1980 से आजतक मानी गई हैं. इस कालखंड में कम्प्युटरों में ULSI – Ultra Large Scale Integrated Circuit Based Microprocessors का इस्तेमाल होने लगा. जिससे ये बहुत तेज और छोटे हो गए है. क्योंकि एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट आ सकते हैं.

पांचवी पीढि के कम्प्युटरों को हम इंसानों की तरह सोचने लायक बनाया जा रहा हैं. जिसके लिए Artificial Intelligence, Internet of Things, Robotics आदि तकनीकों का लगातार विकास और प्रयोग किया जा रहा हैं.

आज के कम्प्युटर एक हाथ घडी के आकार का होता हैं और कम खर्चीला भी हैं. जिसे लगभग हर इंसान खरीद सकता हैं. आज कम्प्युटर दुनिया के हर इंसान तक किसी ने किसी रूप में पहुँच चुका हैं.

पांचवी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ

  • ULSI Based Microprocessor पर आधारित
  • हल्के, सस्ते, भरोसेमंद और तेज
  • अधिक शुद्ध, इस्तेमाल में आसान
  • GUI आधारित OS का इस्तेमाल
  • Multimedia, Touchscreen, Web, Voice Control का प्रयोग
  • ना के बराबर रखरखाव
  • ऊर्जा का कम इस्तेमाल
  • C, C++, Java, .net, ASP का इस्तेमाल
  • कृत्रिम बुद्धि का विकास
  • Internet of Things का विकास

पांचवी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम

  1. Desktop PCs
  2. Macbooks
  3. Laptops
  4. Notebooks
  5. Ultrabooks
  6. Chromebooks
  7. iPhone
  8. iWatch

आपने क्या सीखा?

इस Lesson में हमने आपको Computer Generations की पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि कम्प्युटर ने पहली पीढि से पांचवी पीढि तक कैसे विकास किया. हमे उम्मीद हैं कि यह Lesson आपके लिए उपयोगी साबित होगा Thank you ❤️🥰

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  कम्प्युटर के फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में आधुनिक समय डिजिटल उपकरणॉं का हैं. जिनमे कम्प्युटर का महत्व सबसे ज्यादा हैं. आज लगभग हर क्षेत्र में कम्प्युटर के द्वारा कार्य होने लगा हैं. इसलिए बुढे से लेकर छोटा बच्चा तक कम्प्युटर का उपयोग करना सीख रहे हैं ! Computer ने मानव जीवन के रोजमर्रा के work को आसान, तेज और सस्ता भी बना दिया हैं. क्योंकि एक कम्प्युटर 10 इंसानों के बराबर काम अकेला कर सकता हैं. और इस Lesson में हम आपको ऐसे ही कुछ कम्प्युटर के फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी देंगे. कम्प्युटर के फायदे और नुकसान के बारे में जानकर आप कम्प्युटर से अच्छी तरह परिचित हो जायेंगे. और कम्प्युटर की विशेषताओं का ज्ञान भी हो जाएगा. Advantage of Computer in Hindi Computer एक ऐसा उपकरण जिसने मानव द्वारा किये जाने लगभग सभी कामों पर कब्जा कर लिया हैं. और यह कार्य उसकी कुछ विशेषताओं के कारण ही हुआ हैं. नीचे कम्प्युटर के फायदों के बारे में बताया जा रहा हैं. कम्प्युटर की विशेषताओं को पढकर आप जान पायेंग़े कि हम इंसान कम्प्युटर को क्यों पसंद करते है? High Speed – तेज...

Lebour Aur Tana Sha ki Kahani 2

आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद प्रथम कहानी को इतना सारा प्यार देने के लिए तो हो जाइए तैयार दूसरी पाठ की कहानी जानें के लिए Lebour Aur Tana Sha ki Kahani 2 Soo khani Start hota h wahi se woo ladka Sab kuch chor kar Apne pariwar sab kuch chor kar Aajata hai गैर मुल्क में ये सोच कर की में यहां कुछ पैसा कमाऊगा और फिर लौट कर चला जाऊंगा अपने देश भारत वापिस मगर यहां लड़के को ये पता नही थी की हम अब यहा बुरी तारिका से फस गए हैं। जो आदमी वहा अपने देश में इसको समझाया था की घर की हालत बहुत खराब हैं कि तुम हमारे साथ बाहर निकलो वाही बहुत बडा गादार निकल ता हैं। लड़के से पूरा पैसा लेकर लड़के को खजूर के बागान( माजरा ) में काम करने के लिए लगा देता हैं।  ताब लड़का उसको बोलता है की भइया की आप मुझसे कहते थे की में तुम्हे अच्छी कम्पनी में काम पर लगाउगा की तुम्हे अच्छी खासी नॉलेज हैं मेरे बाबू ये आप कहा लेकर हमें आए हैं मेरेको ये जगह अच्छी नहीं लगती मैरेको मैं जो काम करने योग्यता हु वो मुझे काम दो भइया तब वो आदमी जोर जोर से हंसने लगता हैं। और उससे बोलता है की मैं तो तुम्हे नही जानता की तुम हो कोन मैं तो क...